नीमच: लक्ष्मी नारायण पाण्डेय मेडिकल कॉलेज रतलाम के गाईनिकोलॉजी विभाग में माननीय अधिष्ठता डॉ.अनिता मूथा एवं विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा गुप्ता के नेतृत्व में एक सफल CME का आयोजन बुधवार को किया गया। जिसका विषय “वूमन हेल्थ विथ फोकस ऑन हार्मोनल एंड सिरोलॉजिकल टेस्टिंग एंड दियर रोल इन डिज़ीज डाग्नोस्टिक” था। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा गुप्ता जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रेखा गुप्ता ने HACL की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि HACL के प्रयासों से जांचों पर अस्पताल की विश्वसनीयता बढ़ी है। साथ ही आपात स्थिति में मरीजों के लिए उच्च जांच की सुविधाएं भी HACL के सहयोग से अब अस्पतालों में उपलब्ध हैं। कम समय में हर प्रकार की जांचे उपलब्ध है जिससे मरीजों को तत्काल उपचार संभव हो रहा है।उन्होंने बताया कि जब से जाँच की जिम्मेदारी HACL द्वारा ली गयी है तब से मरीजों को अनवरत लाभ मिल रहा है और चिकित्सकों को मरीजों के इलाज में सहायता मिल रही है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जांचों की संख्या बढ़ने से मरीजों की सभी जाँचें मेडिकल कॉलेज में ही हो रहीं हैं जिससे उनको दौड़ – भाग नहीं करनी पड़ रही और साथ ही उनकी डिजिटल रिपोर्ट उनके मोबाइल फ़ोन पर ही उपलब्ध हो जा रही है। HACL आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के डिजिटल भारत के संकल्प में भी अपना योगदान दे रहा है।
तत्पश्चात उन्होंने बताया कि यह सुविधा पहली बार मध्य प्रदेश में HACL के द्वारा लाई गई है, जाँचों की गुणवत्ता में भी काफी सुधार आया है जिससे अस्पताल के चिकित्सकों का लैब पर विश्वास बढ़ा है।
इस CME के दूसरे चरण में चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि लैब में उपस्थित मशीनें USFDA द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और यह विश्व का सबसे उच्चतम मानक है तथा जाँच के सभी मानकों पर उत्तम है। पहले की अपेक्षा अब मात्र 3 घंटे में ही रिपोर्ट मिल जा रही है जो कि मरीज और चिकित्सक दोनों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने यह भी बताया की डिजिटलाइजेशन और बारकोडिंग की वजह से किसी भी तरह की चूक और गड़बड़ी होने की संभावना खत्म हो चुकी है और HACL द्वारा प्रदान की गई यह सुविधा प्रशंसनीय है।
तदोपरांत अन्य चिकित्सकों ने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया और साथ में यह भी बताया कि किस उम्र में महिलाओं के लिए कौन – कौन सी जाँचें आवश्यक हैं। साथ ही उन्होंने जैनेटिक डिज़ीज पर भी चर्चा की और महिलाओं में होने वाली बीमारियों के रोकथाम व जाँचों के बारे में भी बताया।
CME के अंत में एक ओपन टॉक भी रखा गया जिसमें सभी चिकित्सकों व PG छात्रों ने महिला स्वास्थ्य को लेकर संवाद के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान किया गया।