Fri. Apr 18th, 2025

मां ने प्रेमी संग भागकर बेटे का करवाया खतना, कोर्ट ने सुनाई 10 – 10 साल की सजा

रतलाम से जुड़े एक मामले के इंदौर कोर्ट ने बाड़मेर के व्यापारी की पत्नी उसके प्रेमी और नकली दस्तावेज बनवाकर व्यापारी के बेटे का 4 वर्ष की उम्र में धर्मांतरण करवाने और उसका खतना करवाने के मामले में महिला उसके प्रेमी और नकली दस्तावेज तैयार करवाने वाले को 10- 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा और 5- 5 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

ये है मामला

बाड़मेर निवासी महेश नाहटा की शादी जून 2014 में शाजापुर की प्रार्थना शिवहरे से हुई। उन्हें 2015 में बेटा हुआ। महेश अपनी पत्नी प्रार्थना एवं 4 साल के बेटे के साथ 25 फरवरी 2018 को एक सगाई के कार्यक्रम में शाजापुर आया था। यहां सगाई का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वापस अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान उसकी पत्नी प्रार्थना एवं 4 साल का बेटा रतलाम में सालाखेड़ी के समीप बस से लापता हो गए। व्यापारी महेश द्वारा दोनों की गुमशुदगी रतलाम थाने में दर्ज कराई गई थी। पुलिस को जांच में पता चला पत्नी इंदौर के रहने वाले इलियास कुरैशी के साथ गई है। पुलिस ने इलियास को रतलाम से गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया जहां से कोर्ट ने इलियास को जेल जेल भेज दिया। प्रार्थना बेटे को लेकर शाजापुर अपने माता – पिता के घर चली गई। कुछ समय बाद इलियास जेल से छूट गया और प्रार्थना से संपर्क कर उसे अपने पास बुला लिया। महेश ने बेटे की कस्टडी के लिए शाजापुर कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन
पुलिस को उनका पता नहीं मिला, इस कारण वारंट तामील नहीं हो पाया। इसी दौरान मालूम हुआ कि पत्नी इंदौर में खजराना की रजा कॉलोनी में इलियास के साथ रह रही है। इलियास ने खुद को बच्चे का पिता बताकर उसका नाम और जन्म प्रमाण पत्र बदलवा दिए। बच्चे का खतना कराया और जबरन मदरसे में एडमिशन करा दिया। महेश ने जुलाई 2023 में खजराना थाने में केस दर्ज कराया।
महेश ने पुलिस को बताया कि इलियास ने मुझे मोबाइल पर कॉल किया तथा धमकी देते हुए कहा कि पत्नी और बेटे को सही सलामत चाहते हो तो पांच लाख रुपए दे दो और दोनों को ले जाओ। मैंने डेढ़ लाख रुपए देने की बात कही तो इलियास तैयार भी हो गया। उसके बाद उसने मुझे कोई कॉल नहीं किया। पुलिस ने 15 जुलाई को इलियास को गिरफ्तार किया। 20 जुलाई 2023 को कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी पिता को सौंप दी।
इलियास की गिरफ्तारी के बाद मामले में इंदौर कोर्ट ने 4 साल के बच्चे का जबरन धर्म परिवर्तन और खतना कराने के केस में बुधवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पीड़ित बच्चे की मां प्रार्थना प्रेमी इलियास और नकली दस्तावेज तैयार करने वाले जफर को धारा 467 एवं 471 में 10-10 साल का सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए का जुमार्ना, धारा 5 धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 में 7-7 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना जबकि धारा 420 और 468 में 5-5 साल का सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए के जुमाने की सजा सुनाई है।

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